Denik bhaskar :- धर्म डेस्क. उज्जैन
धर्म और आस्था का कोई अंत नहीं है। ईश्वर वायु मण्डल के कण-कण में विद्यमान है। ऐसा ही एक प्रत्यक्ष उदाहरण है नीमच जिले के पास स्थित मां भादवा। जहां लाखों भक्त मां के दरबार में अपनी अर्जी लगाते हैं। कहते हैं यहां मां भादवा अपने भक्तों को सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति देती है। अपने भक्त के हर दु:ख को समेट लेती है।
इस मंदिर के पास ही एक कुण्ड है जिसे देवी मां का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है इस कुण्ड में स्नान करने से सभी रोग दूर हो जाते हैं। विशेष रुप से लकवा पीडि़त रोगियों के लिए यह देवी स्थान वरदान है। यहां मंदिर के अदंर एक चमत्कारिक ज्योत भी है जो करीब 800 सालों से निरंतर जल रही है।
कथा:800 साल पहले रूपा नाम के एक भील को देवी ने सपने में दर्शन देकर कहा कि गांव से कुछ दूर जंगल में उनकी मूर्ति दबी हुई है उसे बाहर निकाल कर स्थापित करो ताकि वे यहां मानव जाति के कष्टों को मिटा सकें। भील ने मां की आज्ञा पाकर वहां खुदाई शुरू कर दी और जमीन के अन्दर से देवी मां की मूर्ति को निकाल कर स्थापित किया। जिन्हें आज सभी भादवा मां के रूप में पूजते हैं।
विशेष: खुदाई के समय यहां मूर्ति के साथ जलती हुई चमत्कारिक ज्योत निकली और साथ ही एक पानी का कुण्ड निकला इस कुण्ड की विशेषता है कि इस कुण्ड में नहाने से सभी प्रकार की बीमारियां दूर भाग जाती हैं। यहां चैत्र और अश्विन माह की नवरात्रि में मेला लगता है। यहां मां भादवा को दाल-बाटी का विशेष भोग लगाया जाता है।
कैसे पहुचें: मध्यप्रदेश की व्यवसायिक राजधानी इंदौर का हवाई अड्डा देश के सभी भागों से जुड़ा है। यहां से आपको भादवा माता के लिए बस मिल जाएगी। ट्रेन से जाने के लिए पश्चिम रेलवे के रतलाम से मंदसौर और नीमच के लिए ट्रेन मिलती है और यहां से आपको भादवा माता के लिए बस मिल जाएगी।
धर्म और आस्था का कोई अंत नहीं है। ईश्वर वायु मण्डल के कण-कण में विद्यमान है। ऐसा ही एक प्रत्यक्ष उदाहरण है नीमच जिले के पास स्थित मां भादवा। जहां लाखों भक्त मां के दरबार में अपनी अर्जी लगाते हैं। कहते हैं यहां मां भादवा अपने भक्तों को सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति देती है। अपने भक्त के हर दु:ख को समेट लेती है।
इस मंदिर के पास ही एक कुण्ड है जिसे देवी मां का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है इस कुण्ड में स्नान करने से सभी रोग दूर हो जाते हैं। विशेष रुप से लकवा पीडि़त रोगियों के लिए यह देवी स्थान वरदान है। यहां मंदिर के अदंर एक चमत्कारिक ज्योत भी है जो करीब 800 सालों से निरंतर जल रही है।
कथा:800 साल पहले रूपा नाम के एक भील को देवी ने सपने में दर्शन देकर कहा कि गांव से कुछ दूर जंगल में उनकी मूर्ति दबी हुई है उसे बाहर निकाल कर स्थापित करो ताकि वे यहां मानव जाति के कष्टों को मिटा सकें। भील ने मां की आज्ञा पाकर वहां खुदाई शुरू कर दी और जमीन के अन्दर से देवी मां की मूर्ति को निकाल कर स्थापित किया। जिन्हें आज सभी भादवा मां के रूप में पूजते हैं।
विशेष: खुदाई के समय यहां मूर्ति के साथ जलती हुई चमत्कारिक ज्योत निकली और साथ ही एक पानी का कुण्ड निकला इस कुण्ड की विशेषता है कि इस कुण्ड में नहाने से सभी प्रकार की बीमारियां दूर भाग जाती हैं। यहां चैत्र और अश्विन माह की नवरात्रि में मेला लगता है। यहां मां भादवा को दाल-बाटी का विशेष भोग लगाया जाता है।
कैसे पहुचें: मध्यप्रदेश की व्यवसायिक राजधानी इंदौर का हवाई अड्डा देश के सभी भागों से जुड़ा है। यहां से आपको भादवा माता के लिए बस मिल जाएगी। ट्रेन से जाने के लिए पश्चिम रेलवे के रतलाम से मंदसौर और नीमच के लिए ट्रेन मिलती है और यहां से आपको भादवा माता के लिए बस मिल जाएगी।
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