भादवा माता के दरबार में चैत्र नवरात्रि के पहले रविवार को भक्तों का सैलाब उमड़ा। सुबह आरती के बाद दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ जो रात शयन आरती तक चला। मंदिर प्रशासन के अनुसार 50 हजार से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए।
मंदिर में सुबह 4 बजे पुजारियों द्वारा विधि-विधान से पूजन किया गया और दर्शनों का सिलसिला शुरू हुआ। देररात तक भक्तों का आंकड़ा 50 हजार पार हो गया। प्रशासन ने टेंट व पानी की व्यवस्था जगह-जगह की थी। मेला अधिकारी राजेश यादव ने 60 से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ सुचारु व्यवस्था संभाली। नीमच, मंदसौर, रतलाम, जावरा, राजस्थान, महाराष्ट्र से आए भक्तों ने भी दर्शन किए।
२ घंटे इंतजार-भक्तों को दर्शन के लिए 1.30 से 2 घंटे इंतजार करना पड़ा। बैरिकेड्स में धूप से बचने के लिए टेंट व पानी की व्यवस्था प्रशासन ने की थी।
हजारों लोग ले रहे लाभ-भादवा माता ट्रस्ट ने भक्तों के लिए अन्नक्षेत्र शुरू किया है। यहां पर भक्तों को 10 रुपए में 300 ग्राम पूड़ी-सब्जी व मिष्ठान दिया जाता है। संचालक यशवंत जैन ने बताया हजारों भक्त रोज लाभ ले रहे हैं।
नि:शक्तों का नहीं ध्यान
प्रशासन ने नि:शक्तजन के लिए अलग से व्यवस्था नहीं की। नि:शक्तों व परिजन को परेशानियां हुईं। जो नि:शक्त व्हीलचेयर पर थे, उन्हें तो दर्शन भी नहीं हुए।
उचित रही व्यवस्था
॥मंदिर परिसर में सुबह प्रवेश और निर्गम एक ही द्वार से था लेकिन भीड़ बढऩे पर बदलाव किया। जो नि:शक्तजन हमारे पास आए उन्हें सीधे दर्शन करवाए। इतनी भीड़ के बाद भी सभी व्यवस्थाएं उचित रही।ø
राजेश यादव, मेला अधिकारी
दो दिन में बिके 100 से अधिक सिक्के
भादवा माता के 50 व 10 ग्राम के सिक्के मंदिर परिसर में उपलब्ध हैं। व्यवस्था प्रबंधक विश्वनाथ गेहलोत ने बताया दो दिन में 10 ग्राम वाले 100 से अधिक सिक्के बिक गए हैं।
ञ्चजूते-चप्पलें के लिए लंबा चक्कर-भक्तों के प्रवेश के लिए पानी की टंकी परिसर से बैरिकेड्स लगाए गए तथा उनका निर्गम सोदिया धर्मशाला के पास रखा। दर्शन के बाद भक्तों को जूते-चप्पल लेने के लिए धूप में नंगे पांव 1 किमी तक चलना पड़ा। इससे परेशान कई भक्तों ने जूते-चप्पल ही छोड़ दिए।
मंदिर में सुबह 4 बजे पुजारियों द्वारा विधि-विधान से पूजन किया गया और दर्शनों का सिलसिला शुरू हुआ। देररात तक भक्तों का आंकड़ा 50 हजार पार हो गया। प्रशासन ने टेंट व पानी की व्यवस्था जगह-जगह की थी। मेला अधिकारी राजेश यादव ने 60 से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ सुचारु व्यवस्था संभाली। नीमच, मंदसौर, रतलाम, जावरा, राजस्थान, महाराष्ट्र से आए भक्तों ने भी दर्शन किए।
२ घंटे इंतजार-भक्तों को दर्शन के लिए 1.30 से 2 घंटे इंतजार करना पड़ा। बैरिकेड्स में धूप से बचने के लिए टेंट व पानी की व्यवस्था प्रशासन ने की थी।
हजारों लोग ले रहे लाभ-भादवा माता ट्रस्ट ने भक्तों के लिए अन्नक्षेत्र शुरू किया है। यहां पर भक्तों को 10 रुपए में 300 ग्राम पूड़ी-सब्जी व मिष्ठान दिया जाता है। संचालक यशवंत जैन ने बताया हजारों भक्त रोज लाभ ले रहे हैं।
नि:शक्तों का नहीं ध्यान
प्रशासन ने नि:शक्तजन के लिए अलग से व्यवस्था नहीं की। नि:शक्तों व परिजन को परेशानियां हुईं। जो नि:शक्त व्हीलचेयर पर थे, उन्हें तो दर्शन भी नहीं हुए।
उचित रही व्यवस्था
॥मंदिर परिसर में सुबह प्रवेश और निर्गम एक ही द्वार से था लेकिन भीड़ बढऩे पर बदलाव किया। जो नि:शक्तजन हमारे पास आए उन्हें सीधे दर्शन करवाए। इतनी भीड़ के बाद भी सभी व्यवस्थाएं उचित रही।ø
राजेश यादव, मेला अधिकारी
दो दिन में बिके 100 से अधिक सिक्के
भादवा माता के 50 व 10 ग्राम के सिक्के मंदिर परिसर में उपलब्ध हैं। व्यवस्था प्रबंधक विश्वनाथ गेहलोत ने बताया दो दिन में 10 ग्राम वाले 100 से अधिक सिक्के बिक गए हैं।
ञ्चजूते-चप्पलें के लिए लंबा चक्कर-भक्तों के प्रवेश के लिए पानी की टंकी परिसर से बैरिकेड्स लगाए गए तथा उनका निर्गम सोदिया धर्मशाला के पास रखा। दर्शन के बाद भक्तों को जूते-चप्पल लेने के लिए धूप में नंगे पांव 1 किमी तक चलना पड़ा। इससे परेशान कई भक्तों ने जूते-चप्पल ही छोड़ दिए।